ज्ञानवानेव बलवान् तस्मात् ज्ञानमयो भव.अर्थात् - ज्ञानी व्यक्ति ही सुखी है, और ज्ञानी ही सही अर्थों में जीता है . जो ज्ञानी है वही बलवान् है, इसलिए तू ज्ञानी बन.
नजर को बदलो तो नजारे बदल जाते है
सोचको बदलो तो सितारे बदल जाते है.
कश्तियाँ बदलने की जरुरत नहीं
दिशा को बदलो तो किनारे खुद व् खुद बदल जाते है
अच्छा जीवन व संतुलित मनोस्थिति भारतीय संस्कृति का ध्येय है. यहां मोक्ष मानवीय जीवन का अंतिम लक्ष्य माना जाता है. इसलिए यहां संतुलित एवं सामंजस्यपूर्ण व्यवहार एवं आचरण पर बल दिया जाता है.
यहाँ पे मनुष्य जीवन की उन्नति के उपाय बताए गए है। जिनका उद्देश्य मात्र एक व्यक्ति की उन्नति न होकर सम्पूर्ण सामाजिक उन्नति है।
जीवन ज्ञान" (जीवन का ज्ञान) एक ऐसा विषय है जो हमारे जीवन को समझने, उसको सही दिशा में ले जाने और एक सकारात्मक और संतुलित जीवन जीने के लिए महत्वपूर्ण होता है। यहाँ कुछ महत्वपूर्ण बिंदु हैं जो जीवन ज्ञान के अंतर्गत आते हैं:
स्वयं को समझना: अपने आप को समझना, अपनी क्षमताओं, कमजोरियों, इच्छाओं और लक्ष्यों को पहचानना अत्यंत आवश्यक है। आत्मज्ञान जीवन की दिशा निर्धारित करने में मदद करता है।
ध्यान और ध्यान: नियमित ध्यान और ध्यान (मेडिटेशन) मानसिक शांति और स्थिरता प्राप्त करने में मदद करते हैं। यह आत्म-चेतना को बढ़ाने और जीवन के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण विकसित करने में सहायक है।
सकारात्मक सोच: जीवन में सकारात्मक दृष्टिकोण अपनाना, समस्याओं का सामना करने की क्षमता को बढ़ाता है। सकारात्मक सोच जीवन में उत्साह और ऊर्जा को बनाए रखने में सहायक होती है।स्वास्थ्य और योग: शारीरिक स्वास्थ्य और योग का महत्व जीवन में अति महत्वपूर्ण है। स्वस्थ शरीर स्वस्थ मन का निवास होता है। नियमित योग और व्यायाम जीवन को संतुलित और खुशहाल बनाते हैं।
संपर्क और सामुदायिकता: परिवार, मित्रों और समाज के साथ अच्छे संबंध रखना और दूसरों की मदद करना, जीवन को समृद्ध और संतुष्ट बनाता है। सामुदायिकता का महत्व जीवन में समरसता और सहयोग की भावना को बढ़ाता है।
ज्ञान और शिक्षा: निरंतर ज्ञान की प्राप्ति और शिक्षा का महत्व जीवन को एक नया दृष्टिकोण प्रदान करता है। यह हमें नई संभावनाओं और अवसरों से अवगत कराता है।
धैर्य और सहनशीलता: जीवन में धैर्य और सहनशीलता की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। कठिन समय में धैर्य रखना और परिस्थितियों का सामना करना सीखना जीवन को संतुलित और सफल बनाता है।
आभार और विनम्रता: आभार और विनम्रता का भाव जीवन में संतुष्टि और खुशहाली लाता है। छोटे-छोटे पलों के लिए आभारी होना और विनम्रता से जीवन जीना हमें संतुलन और शांति प्रदान करता है।
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